भारत सरकार के माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री. नितिन गडकरी जी थे सम्मानित अतिथि
मुंबई, 3 नवंबर, 2023 (HPN): कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल ने आज 'थैलेसीमिया, वे फॉरवर्ड' इस विषय को लेकर एक विशेष सत्र का आयोजन किया था। इस पहल ने संगठन के व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित किया है, जो स्वास्थ्य देखभाल पहल में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली संस्थाओं के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने में प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता, मजबूत बुनियादी ढांचे और रणनीतिक निवेश का पूरक है। पहल का उद्देश्य आनुवंशिक रक्त विकार थैलेसीमिया के इलाज में हो रही प्रगति पर प्रकाश डालना और इस रोग से जूझ रहे रोगियों की सहायता के लिए बनाई की गई सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि, भारत सरकार के माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी की उपस्थिति ने स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को रेखांकित किया।
इस अवसर पर, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की चेयरपर्सन, सुश्री टीना अंबानी ने थैलेसीमिया परियोजना के आगे के रास्ते को रेखांकित करते हुए कहा, "हमारे निरंतर प्रयास न केवल शीर्ष स्तर की चिकित्सा देखभाल प्रदान करने पर केंद्रित हैं, बल्कि अग्रणी निवारक उपायों और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों पर भी हम ध्यान दे रहे हैं। क्षमता के साथ आती है जिम्मेदारी, और हर बच्चे को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना हमने अपनी जिम्मेदारी बना ली है। जैसे-जैसे हम पूरे क्षेत्र और भीतरी इलाकों में विस्तार करेंगे, समुदायों में हमारी जड़ें बढ़ती जाएंगी, हम सेवा को गहराई तक ले जा रहे हैं। देखभाल के दायरे को व्यापक बनाने का हमारा संकल्प लगातार मज़बूत हो रहा है। हमारे हर काम के पीछे का सिद्धांत 'हर जीवन मायने रखता है' का केंद्रबिंदु यह संकल्प है।"
थैलेसीमिया की वजह से गंभीर एनीमिया, थकान और शरीर में कई जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जिसके लिए आजीवन रक्त संक्रमण और व्यापक मेडिकल इलाज की आवश्यकता होती है। भारत में थैलेसीमिया का प्रसार काफी ज़्यादा है, हर साल 10,000 से अधिक बच्चे इस रोग के साथ पैदा होते हैं। थैलेसीमिया को स्थायी रूप से ठीक कर सकता है वह एकमात्र उपचार है, स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन, जिसे बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन भी कहा जाता है। एलोजेनिक बीएमआई के रूप में जानी जाने वाली, यह एक जटिल प्रक्रिया है और दुनिया भर में बहुत कम केंद्रों के पास इस इलाज को संचालित करने की विशेषज्ञता है।
भारत सरकार के माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री. नितिन गडकरी ने कहा, "आज मेरे लिए बहुत ही संतुष्टि का दिन है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में 80 से ज़्यादा थैलेसेमिया रोगी हैं और नागपुर में लाखों हैं। रक्त संबंधों में शादी के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है, खास कर वंचित समुदायों में इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना ज़रूरी है। महाराष्ट्र में थैलेसीमिया की समस्या से निपटने के लिए कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की पहल एक सराहनीय कदम है। मैं इस सहयोगात्मक प्रयास में शामिल सभी हितधारकों की सराहना करता हूं।"
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल कोल इंडिया सीएसआर-फंडेड हेमेटोपोइएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (HSCT) कार्यक्रम का समर्थन करता है और उन थैलेसीमिया रोगियों की मदद करता है जिनके पास कार्यक्रम की लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं। इस साल जून में, हॉस्पिटल ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) प्रोजेक्ट, थैलेसीमिया बाल सेवा योजना के तीसरे चरण के लिए कोल इंडिया के साथ एमओयू को आगे बढ़ाया। इसका उद्देश्य वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों पर थैलेसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया का रोगनिवारक उपचार करना है। इससे वंचित समुदायों के, थैलेसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया से प्रभावित ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों तक जीवन रक्षक बीएमटी उपचार की पहुंच बढ़ाने में मदद मिल रही है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल आशा, देखभाल और एक स्वस्थ समाज के निर्माण का वादा करने वाली पहलों का नेतृत्व करने की अपनी प्रतिबद्धता पर हमेशा से ही दृढ़ रहा है। कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) गतिविधियों का समर्थन करके वंचितों को सर्वोत्तम आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। इस हॉस्पिटल ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) और महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर आर्थिक रूप से वंचित बच्चों के लिए 126 से अधिक सफल कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरीज़ की हैं।
'हीलिंग लिटिल हार्ट्स' पहल के ज़रिए, यह हॉस्पिटल जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों के इलाज में सहायक रहा है। हॉस्पिटल का क्लबफूट क्लिनिक ज़रूरी उपचार प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि, बच्चों को क्लबफूट की वजह से मोबिलिटी में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
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