पांच दिसंबर को मुम्बई सिविल कोर्ट में प्रीतेश शिवराम मिश्रा ने प्रयागराज स्थित जी बी पंत महाविद्यालय के कुलपति बद्रीनारायण तिवारी के खिलाफ पिटीशन दायर
मुम्बई (प्रतिनिधी): देश के वरिष्ठ पद पर बैठे बद्रीनारायण तिवारी द्वारा संघ और हिन्दुत्व के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने के मामले में आर एस एस स्वयंसेवक ने उनके खिलाफ कोर्ट से अवमानना नोटिस जारी करते हुए मुकदमा दर्ज कराकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
पांच दिसंबर को मुम्बई सिविल कोर्ट में प्रीतेश शिवराम मिश्रा ने प्रयागराज स्थित जी बी पंत महाविद्यालय के कुलपति बद्रीनारायण तिवारी के खिलाफ पिटीशन दायर करते हुए भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत 233, 356 (1) (2) में मुकदमा दर्ज कराया है।
गैरतलब है कि सोशल मीडिया यूट्यूब पर उपलब्ध एक वीडियो जो 2016 का बताया जा रहा है जिसमें तिवारी जे एन यू में जे एन यू टी ए के आयोजित कार्यक्रम में संघ के खिलाफ़ बोलते हुए दिख रहे हैं और छात्र उनको सुन रहे हैं। बद्रीनारायण तिवारी पूर्व से ही हिन्दुत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते रहे हैं। हिन्दू समाज को जातिवाद के नाम पर लोगों भड़काकर विद्रोह पैदा करने का प्रयास करते रहे हैं।
प्रीतेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि बद्रीनारायण तिवारी कॉलेज में सभाएं सभाओं के दौरान छात्रों को आरएसएस के खिलाफ जातिवाद का आरोप लगाने का काम कर रहे हैं। जो की पूर्ण रूप से गलत है। जबकि आरएसएस किसी भी जातिगत एजेंडे पर काम नहीं करती है। आरएसएस दलित एवं अनुसूचित जाति के लोगों के घरों में जाकर भोजन करती है ।
उनकी समस्याओं को सुनती है। उनका समाधान करती है। आरएसएस के लीडर बाबा साहब देवरस ने दलित बस्तियों में घर-घर जाकर समरसता का अभियान चलाया था। इतना सब होने के बाद भी बद्रीनारायण तिवारी लोगों को संघ पर आरोप लगाकर अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कई सभाओं में आरएसएस और हिंदुओं के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग भी किया है। उन्होंने बद्री नारायण तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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